हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हजरत फातिमा मासूमा (स) की शहादत की रात बिंते मूसा बिन जफर उख्त उर-रज़ा (अ) की शहादत की रात शोक कार्यक्रम करीमा ए अहल अल-बेत (स) के नूरानी दरबार के ध्वज के परिवर्तन के साथ हरा और मजार-ए-मुताहर के गुंबद पर शोक ध्वज फहराया गया।
क़ुम प्रांत के औपचारिक कवियों में से एक मजीद ताल ने इस शोक सभा में बानो ए करामत के सम्मान में एक कविता सुनाई और उसके बाद अब्बास हैदरज़ादा ने सलाम पेश किया।
विद्वानो के मामलों मे राष्ट्रपति के सलाहकार हुज्जतुल इस्लाम अबुल कासिम का भाषण झंडा परिवर्तन समारोह के कार्यक्रम का हिस्सा था।
हराम के सेवकों के बीच करीमा ए अहले-बैत (स) के शोक ध्वज को प्रसारित करने के बाद, इसे पवित्र दरगाह की छत पर ले जाया गया और गुंबद के ऊपर फहराया गया।
हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स.) की मग़रिब और ईशा की नमाज़ के बाद हज़रत इमाम खुमैनी (र) में शहादत दिवस मनाया जाएगा।
शुक्रवार की सुबह से ही बानू ए करामात के हरम शरीफ के इलाके, गलियारे और प्रांगण काली चादरों से ढके हुए थे।